धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
5 Simple Statements About Shiv Chaisa Explained
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